वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२४ दिसम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
धरनी पलक परै नहीं, पिय की झलक सुहाय ।
पुनि - पुनि पीवत परमरस, तबहूँ प्यास न जाय ॥
प्रसंग:
योग का असली अर्थ क्या है?
क्या योग मात्र शारीरिक विकास के लिए होता है?
योग से वियोग की यात्रा कैसे करूं?